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शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार पूजा के समय वारकरियो द्वारा मुख्यमंत्री को गो हत्या के प्रसंग पर रोक गया


महाराष्ट्रके इतिहासमें पहली ही बार पूजाके समय वारकरियोंद्वारा मुख्यमंत्रीको गोहत्याबंदीके प्रसंगपर रोका गया !
July 10, 2014   
आषाढ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी, कलियुग वर्ष ५११६

हिन्दूओ, वारकरियोंकी गोहत्याबंदीकी लगन ध्यानमें रखते हुए आप भी पूरी शक्तिके साथ वारकरियोंको सहयोग दें !

गोहत्याबंदी अधिनियमके लिए निश्चित निर्णय लेनेका मुख्यमंत्रीद्वारा आश्वासन इसमें आश्चर्य बात नहीं होगी कि यदि मुख्यमंत्रीद्वारा आश्वासनकी पूर्ति नहीं हुई, तो आज उन्हें केवल पूजाके लिए जाते समय रोकनेवाले वारकरी भविष्यमें अगला कदम उठाएंगे !

पंढरपुर (महाराष्ट्र) : पंढरपुर तथा महाराष्ट्रके इतिहासमें पहली ही बार वारकरियोंद्वारा विठ्ठलकी शासकीय पूजाके लिए उपस्थित मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाणको रोका गया । उस समय वारकरियोंने मुख्यमंत्रीके पास गोहत्याबंदी अधिनियमकी कार्यवाही करनेकी मांग की । मुख्यमंत्रीद्वारा इस संदर्भमें निश्चित निर्णय लेनेका आश्वासन देनेके पश्चात उन्हें पूजाके लिए मुक्त किया गया । इससे शासन तथा राजनेताओंको वारकरियोंकी संगठित शक्तिका दर्शन हुआ।

१. ४ दिन पूर्व संतवीर ह.भ.प. बंडातात्या कराडकरने यह चेतावनी दी थी कि यदि मुख्यमंत्रीद्वारा गोहत्याबंदीके संदर्भमें निाqश्चत कदम नहीं उठाए गए, तो उन्हें पूजाके लिए रोका जाएगा । साथ ही ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्रीने प्र्रसिद्धिपत्रकभी प्रकाशित किया था ।

२. प्रातः २.३० बजे मंदिरमें प्रत्येक आषाढी एकादशीके दिन मुख्यमंत्रीके हाथों विठ्ठलकी पूजा की जाती है ।

३. अतः मुख्यमंत्री पूजा हेतु मंदिरमें आ रहे थे । उसी समय शिवाजी चौकपर प्रतीक्षा करनेवाले वारकरियोंने मुख्यमंत्रीको रोक दिया ।

४. तथा वारकरियोंने यह मांग की कि गोहत्याबंदी अधिनियम पारित कर उसकी कार्यवाही करनी चाहिए ।

५. वारकरियोंके इस आक्रामक कदमके आगे मुख्यमंत्रीको झुकना पडा ।

६. मुख्यमंत्री ने बताया कि यहांसे जाते ही मैं मेरे सहकारियोंसे बातचीत करूंगा । आप भी मुंबई आईए । आगामी १५ दिनोंमें ही आपके साथ विचारविमर्श कर किसीकी भावनाको आहत किए बिना इस सन्दर्भमें ऐसे उचित कदम उठाए जाएंगे ।

७. इसके पश्चात ही वारकरियोंने मुख्यमंत्रीको पूजाके लिए अनुमति दी । परिणामस्वरूप विठ्ठलकी पूजामें २० मिनट देर हुई ।

८. इस आंदोलनमें ह.भ.प. बंडातात्या कराडकर, ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजाळ, ह.भ.प. रामेश्वर शास्त्री महाराजके साथ सैकडों वारकरी तथा कीर्तनकार उपास्थित थे ।

शासन किसका है, इसकी अपेक्षा गोहत्या बंद होना महत्त्वपूर्ण ! - ह.भ.प. बंडातात्या कराडकर

संतवीर ह.भ.प. बंडातात्या कराडकरने बताया कि मुख्यमंत्रीने गोहत्याबंदी विधेयकके संदर्भमें विचारविमर्शके लिए हमें मुंबईमें आमंत्रित किया है । हम मुंबई जाएंगे । पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्रीद्वारा यह आश्वासन दिया गया था; किंतु उन्होंने उसका पालन नहीं किया । उसकी पुनरावृत्ति इस वर्ष न हो, हमने मुख्यमंत्रीको ऐसा भी बताया है । यदि इस बार मुख्यमंत्रीने आश्वासनका पालन नहीं किया, तो सत्तामें परिवर्तन भी हो सकता है । अतः शासन किसका है, इससे हमारा कोई संबंध नहीं है । गोहत्याबंदीकी मांग हम अनेक वर्षोंसे कर रहे हैं तथा वह कार्यान्वित होनी चाहिए, यही हमारी इच्छा है । —

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