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शनिवार, 15 जनवरी 2011

रंगबिरंगा त्योहार मकर संक्रान्ति प्रत्येक वर्ष जनवरीमहीने में समस्त भारत में मनाया जाता है।

इसी दिन से उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है जब उत्तरी गोलार्धसूर्य की ओर मुड़ जाता है। परम्परा से यह विश्वास किया जाता है कि इसी दिन सूर्य मकरराशि में प्रवेश करता है।

यह विश्वास किया जाता है कि इस अवधि में देहत्याग करनेवालेव्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। महाभारत महाकाव्य में वयोवृद्ध योद्धापितामह भीष्म पांडवों और कौरवों के बीच हुए कुरुक्षेत्र युद्ध में सांघातिक रूप सेघायल हो गये थे। उन्हें इच्छा-मृत्यु का वरदान प्राप्त था। पांडव वीर अर्जुन द्वारारचित बाणशैया पर पड़े वे उत्तरायण अवधि की प्रतीक्षा करते रहे। उन्होंने सूर्य के मकरराशि में प्रवेश करने पर ही अंतिम सांस ली जिससे उनका पुनर्जन्म न हो।

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