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शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

बातें राजस्थान की


किसी कला की कमी नहीं, ना कमी है स्वाभिमान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।।
वीरों के पौरूष में भी यहां ईश्वर का वरदान है ।
दानव के आगे नही झुकते, मानव का सम्मान है ।।
पन्ना धाय के त्याग को देखो, भूख नही धन धान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

अमरसिंह के अटल इरादे, महाराणा के तेवर हो ।
जहां चेतक जैसी स्वामी भक्ति, घुंघट जैसा झेवर हो ।।
जहां मीरां की पावनता से विष, बने औषधि प्राण की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

महल, हवेली, किले झरोखें कितनी कलायें लाया है ।
इस भूमि का पत्थर लगकर, ताजमहल बन पाया है ।।
याद रहेगी सबको ये, सौगाते राजस्थान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

एल. एन. मित्तल, प्रतिभा पाटिल, भैरोसिंह से नाम हुए ।
तारकीन और ख्वाजाजी, यहां सुफी के सम्मान हुए ।।
यहां पे आदर रामायण का, इज्जत यहां कुरान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

कालबेलिया, माड गायकी, कठपुतली के खेल है ।
सब का सबसे नाता है, यहां सबका सबसे मेल है ।।
चेहरे पर है भोलापन, और मूंछे बड़ी है मान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

यहां मौसम बड़े निराले है, यहां मेले बड़े सुहाते है ।
पुष्कर में गर्मी में भी गौरे सैलानी आते है ।।
आबू की ठंडक से देखें शामें राजस्थान की ।
और जैसलमेर के द्योरो में हो रातें राजस्थान की ।।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

गणगोरों के मेले है, यहां हर महीने त्योंहार है ।
है सम्मान बुजुर्गो का यहां सामूहिक परिवार है ।।
और बुश, क्लिटंन, ओबामा से, मुलाकातें राजस्थान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

सब है एक समान, वो चाहे राजा है या फकीर है ।
हिन्दु मुस्लिम दोनो पूजे, वो रामदेवसा पीर है ।।
सोने जैसी मिट्टी है, सुहानी राजस्थान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

चुनरी वाली साड़ी में तो लगती दुल्हन जानकी ।
यहां की नारी चुनरी को ही अपना जेवर मानती ।।
और चुनरी वाले साफों में बारातें राजस्थान की ।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

यह सब पिछले युग की बातें अब तो अपनी बारी है ।
इस भूमि की शान बढाना, अपनी जिम्मेदारी है ।।
पिछले युग के शूरों ने तो, सदा ही बाजी मारी है ।
मरूभूमि के वीर सपूतों, अब की क्या तैयारी है ।।
मेरे भाई बन्धु सुनलो, मुझ छोटे इन्सान की ।
कभी ना आये वो दिन, हो बदनामी राजस्थान की ।।
इसीलिये सब करते रहते बातें राजस्थान की ।। किसी कला ……..

मनोज कुमार (हिन्दुस्तानी)

1 टिप्पणी:

  1. राम राम जी .. आपने राजस्थान कि माटी के बारे में सब कुछ लिख डाला है कि मेरे पास आपको धन्यवाद देने के आलावा कुछ बचा ही नहीं है

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